कबिता, भरोसा, barish, future, life, poetry, pyar, shuruaat

मज़बूत इरादे लेकर अब बस तू आगे बढ़

बहुत सोच लिया तूने अब सपनो को अपने पूरे कर,
मज़बूत इरादे लेकर अब बस तू आगे बढ़,

1)बैठेगा युही हाथों मे हाथ धरे तो कुछ नही कर पायेगा,
और ठानेगा जब कुछ करने की तो शायद समय नही रह जायेगा,

हारेगा ना हिम्मत तो मुरझाई किस्मत भी खिल जायेगी,
कोशिश करेगा हरदम तो चट्टानें भी हिल जायेगी

लाज शर्म त्याग कर अब लक्ष्य की सीढ़ी चढ़,
मज़बूत इरादे लेकर अब बस तू आगे बढ़,

2)चलना है लंबा तो अपने कदमो मै खड़े होना सीख ले,
भारी भारी बोझ अपने कंधों से धोना सीख ले,

राहों मे सहारो की तालाश अब छोड़ दे,
वेशाखियाँ बना वहानो की मदद की फरियाद अब छोड़ दे,

और गिरने की शंका से ना इतना तू डर
मज़बूत इरादे लेकर अब बस तू आगे बढ़,

3)अपनी ही राहों का काटा तू बनता है क्युं
अपनी ही किस्मत को जख्मी तू करता है क्युं

है दुश्मन तेरा ही तू
है मन ही मन का राही तू

बो बेमतलब की बातों से उलझन में न तू पड,
मज़बूत इरादे लेकर अब बस तू आगे बढ़,

4)हैं अरमान बहुत से जिगर तले थोड़ा सा तो जानले,
बहुत हो गया अब काबिलियत अपनी पेहचान ले

रह गया है पीछे अब मंजिल की ओर भागले
कब तक सोयेगा अब तो थोड़ा सा जागले

कर मेहनत और इतिहास नया तु गढ़
मज़बूत इरादे लेकर अब बस तू आगे बढ़,

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