ये रात गयी , तेरी याद गयी। मौसम बदला बरसात आ गई , धूप की जगह बदरी छा गई। प्रक्रति बदली मिट्टी की महक आ गई, पसीने की जगह पानी की बुंदे छा गई। तेरे अंदाज बदले, मेरे ख्यालात बदले। कुछ सपने बदले, कुछ अपने बदले। कुछ ख़्वाहिशें बदली, कुछ ख्वाब बदले।
ये रात गयी , तेरी याद गयी। मौसम बदला बरसात आ गई , धूप की जगह बदरी छा गई। प्रक्रति बदली मिट्टी की महक आ गई, पसीने की जगह पानी की बुंदे छा गई। तेरे अंदाज बदले, मेरे ख्यालात बदले। कुछ सपने बदले, कुछ अपने बदले। कुछ ख़्वाहिशें बदली, कुछ ख्वाब बदले।