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घाव जरूरी हैं।

मानव जीवन में घाव का बड़ा महत्व है। घाव व्यक्ति का ध्यान अपनी ओर केंद्रित करने मे बड़ी भूमिका अदा करता है। परंतु कुछ घाव ऐसे होते है जो प्रत्यक्ष रूप से शरीर में ना होकर अप्रत्यक्ष रूप से दिल में, दिमाक में और स्वाभिमान को  छति पहुँचाते है।
ये घाव दिखाई नही देते किंतु दर्द बहुत देते है , ये आपकी अंतर आत्मा को चोट पहुँचते हैं। ये हमारी मानशिक्ता को अपना शिकार बनाते है, और इसका विपरीत प्रभाव हमारे आत्मविश्वास पर पड़ता है। धोखा, फ़रेब, हद से ज्यादा उम्मीद, विश्वासघात, अन्याय, तिरस्कार, अपमान, हीनभाव, पक्षपात, दया आदि इस घाव के प्रमुख कारक है।
ये घाव मानव जीवन को दुविधा में डालने में अहम भूमिका अदा करते है।

     परंतु अगर इन्हे सकारात्मक नजरिये से सोचें तो एक सुयोग्य     मानव जीवन का श्रजन करने में बहुत बड़ा योगदान देते हैं।

हम उन घावों के दर्द को अपनी प्रेरणा मानकर मेहनत करें तो शायद ही हमारी कभी हार हो,  ये जिंदगी का वरदान साबित भी हो सकते है। इन घावों में एक ऐसी ऊर्जा होती है जो हमे और कहीं से नहीं मिल सकती। ये हमे कितना भी कठिन से कठिन कार्य करने की शक्ति प्रदान करते है। ये भाव  हमे दुनिया का कोई भी कठिन काम करने का साहस देता है तथा हमे हमारे आत्मबल से रूबरू कराने में सहायक होते है और हमें हमारी गलतियों का एहसास करते है।
घाव हमें अपने आप को परिपक्व बनाने के लिए सदैव प्रेरित करते हैं।

जब हम अपने लक्ष्य से दूर हो जाते है, संसारिक मोह में फसकर अपने उद्देश्य को भूलकर दुनिया की चकाचौँध में लीन हो जाते हैं।
तब इन घाव को मरहम ना देकर उन्हे कुरेदना भी आवश्यक हो जाता है। इन घावो के एहसास मात्र से हमारे शरीर में एक ऊर्जा सी आ जाती है।ये घाव हमें हमेशा अपने  ध्येय से बांधे हुए रखते है।

ये घाव अपने ही अस्तित्व को मिटाने के लिए हमसे परिश्रम करबाते है अर्थात  जिस कारण हमें वो घाव मिले है ,उसे सुधारने व उस क्षेत्र का निपुण बनाने में सहायक होते है।

चाणक्य ने भी धनानंद द्वारा किये गए अपमान के घाव को परिश्रम में बदला और चन्द्रगुप्त के हाथों धनानंद के शासन को उखाड़ फेंका।

   कई बार हम उन घावों को कुरेद देते है जो हमें ही नुकसान पहुँचाते है।  अतः ये मनुष्य की समझ पर निर्भर करता है की उसे किन घावों पर मरहम लगाना है और किन्हे कुरेदना है।
   अतः जीवन में घावों का बड़ा महत्व है, बिना घाव के प्रेरणा कमजोर साबित हो सकती है।

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